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जागृत मन को अपना पहरेदार बनाइए


     जागृत मन को अपना पहरेदार बनाइए। 

          ➤ दोस्तों महत्वपूर्ण बात यह है, कि आपको अपने अर्ध जागृत मन के अंदर, अब कोई नेगेटिव विचार को, नहीं जाने देना है। अपने जागृत मन को पहरेदार बनाइए। नेगेटिव विचारों को अपने अर्ध जागृत मन में, जाने से रोकिए आपको सुबह उठने से रात को सोने तक किसी भी नेगेटिव विचार को अंदर जाने से रोकना है जब भी आपको कोई नेगेटिव बात कहे उस पर ध्यान नहीं देना है।    
      ➤अगर आपको कोई कहे बहुत बुरे दिन आने वाले हैं तो आपको मन ही मन में तीन बार बोलना है "मेरे लिए तो बहुत अच्छे दिन आने वाले हैं"
     ➤कोई आपको कहे  यह बिजनेस तुम नहीं कर पाओगे, तो आपको मन में तीन बार बोलना है "यह बिजनेस तो मैं बहुत अच्छी तरह कर सकता हूं"
          ➤अगर आपको कोई  डराए घबराए तो डरना मत, उस  डर और घबराहट को अपने अंदर मत जाने देना।  
      ➤उस शक्ति पर विश्वास करना जो हमेशा आपके साथ है, आप की देखभाल करती है, वह शक्ति आपको कभी हारने नहीं देगी आपको मार्गदर्शन देगी। अगर आपको किसीने डराया घबराया और आपने उस पर ध्यान दिया, सोचा, तो वह आपके अर्ध जागृत मन में घुस जाएगा। इसलिए अपने जागृत मन के पहरेदार को बता देना है कि कोई भी डराएं, बुरी बात कहे,  तो उस पर ध्यान नहीं देना उसे नजरअंदाज कर देना। 
        ➤आपको ध्यान रखना है कि आपको भी दूसरे लोगों को कभी नेगेटिव बातें नहीं कहनी है। क्योंकि जब आप दूसरों को नेगेटिव बातें कहते हैं, तो वह लौटकर आपके पास ही आती है। वह बातें आप पर भी लागू होंगी, आपको ही तकलीफ देगी, इसलिए यह बात हमेशा ध्यान रखना है कि, कभी भी दूसरे लोगों को नेगेटिव  बातें  नहीं कहनी है। हमेशा आपको दूसरे  लोगों को पॉजिटिव बाबते ही कहनी है। अगर आप दूसरों को मोटिवेट करोगे, तो आप भी मोटिवेट होंगे। अगर आप लोगों को प्रोत्साहन दोगे तो, आप भी प्रोत्साहित होंगे।  जो भी आप दूसरे लोगों को दोगे वह लौटकर आपको ही मिलता है। 
           ➤आप कहीं भी कुछ भी पढ़ते हो तो हमेशा पॉजिटिव और अच्छी बाबत तो को ही पढ़ो। अगर आप कुछ पढ़ रहे हो, तो उसमें नेगेटिव बातें आए, तो उस पर ध्यान मत देना। क्योंकि जब आप उस पर ध्यान दोगे, तो वह आपके अर्ध जागृत मन में जाएगा और आपकी जिंदगी को प्रभावित करेगा। इसलिए आप जो भी पढ़ो सिर्फ पॉजिटिव, अच्छी और मोटिवेट बाबतो पर ही ध्यान देना है। यह जागृत मन को बता देना है। 
          ➤आपको अभी तक पता नहीं था की, कैसे नेगेटिव विचार हमारे मन में चले जाते हैं। और हमारी जिंदगी को प्रभावित करते  हैं। लेकिन अब आपको पता चल गया है कि कौन से विचार आपको अंदर जाने देना है और कौन से विचार आपको अंदर जाने से रोकना है। शुरुआत में आपको थोड़ी तकलीफ होगी लेकिन बाद में आपको पॉजिटिव विचार करने की आदत हो जाएगी और आपका जागृतमन पॉजिटिव विचारों को ही आपके अर्धजाग्रत मनमें जाने देगा। आपकी जिंदगी खुशहाल हो जाएगी। 
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